Pakistan Kargil War : पाकिस्तान ने पहली बार माना रचि थी कारगिल की साजिश पाकिस्तान ने रक्षा दिवस पर कुबूला सच
Kargil War : पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने रक्षा दिवस पर कुबूला सच कहां वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों ने दी थी अपनी कुर्बानी अब तक पाकिस्तान का सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व घुसपैठ से करता रहा था इंकार जनरल सैयद आसिम मुनीर, 25 वर्ष बाद पाकिस्तान ने स्वीकार किया कारगिल का सच 26 जुलाई को भारतीय सेवा मानती है विजय दिवस कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सैनिकों के मसूबो को ध्वस्त कर दिया था
पाकिस्तान ने पहली बार माना है कि उसने कारगिल युद्ध के लिए भारत के साथ मिलकर साजिश रची थी और युद्ध में सेना की सीधी भूमिका को स्वीकार किया है। गौरतलब है कि इससे पहले पाकिस्तान हमेशा कारगिल में घुसपैठ में अपनी संलिप्तता से इनकार करता रहा है। ढाई दशकों तक दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के बाद आखिरकार पाकिस्तान ने कारगिल की साजिश रचने की बात मान ली है पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरन सैयद असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान सेना की प्रतीक्षा भूमिका को स्वीकार किया
यह भी देखें == Hero New Electric Bike 2024 : हीरो की न्यू इलेक्ट्रिक बाइक लॉन्च डेट जल्द ही होगी, जानिए इसके फीचर्स और कीमत
मुनीर ने शुक्रवार को रक्षा दिवस पर अपने भाषण में भारत के साथ हुए तीन युद्धों के साथ-साथ कारगिल में मारे गए पाकिस्तानी सैनिकों को भी स्मरण किया। यह पहला अफसर है जब पाकिस्तान के किसी सेवा प्रमुख ने कारगिल युद्ध में अपने सैनिकों की प्रत्यक्ष भागीदारी को स्वीकार किया है परवेज मुशर्रफ और नवाज शरीफ जैसे पिछले सेना प्रमुख और राजनीतिक नेतृत्व ने कारगिल में दिए गए घुसपैठ में पाकिस्तान की भागीदारी से हमेशा इनकार किया है
जनरल मुनीर ने रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में रक्षा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शेखी बघारते हुए कहा कि पाकिस्तान निश्चित रूप से एक शक्तिशाली और वीर देश है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्वतंत्रता का मूल्य जानता है और जानता है कि इसे कैसे बचाया जाना चाहिए, चाहे यह 1948, 1965, 1971 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई हो या नहीं। कारगिल संघर्ष में हजारों सैनिक देश की सुरक्षा के लिए शहीद हो गए, लेकिन पाकिस्तान ने इन सभी लड़ाईयों में पराजय का सामना करना पड़ा है।
पाकिस्तान अब तक कारगिल युद्ध में भाग लेने से इनकार करता रहा है। पाकिस्तान ने कहा कि यह कश्मीर के स्वतंत्रता सेनानियों ने किया था। कारगिल युद्ध के समय पाकिस्तान के सेना प्रमुख रहे जनरल परवेज मुशर्रफ ने हमेशा कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को विश्वास में नहीं लिया गया था और भारत के साथ स्थिर नियंत्रण रेखा पर सशस्त्र बलों द्वारा लिए गए कई निर्णयो के लिए सेना प्रमुख की मंजूरी की भी आवश्यकता नहीं थी
पाकिस्तान का कहना है कि अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद उसने युद्ध से हाथ खींच लिया था, लेकिन भारत और पाकिस्तान को कारगिल की लड़ाई ने एक परमाणु युद्ध के कगार पर ला खड़ा किया था। जबकि भारत का कहना है कि हिमालय की चोटियों पर हुए इस युद्ध में उसे निर्णायक जीत मिली है भारत में उस समय अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी
5000 हजार घुसपैठियो की आड़ में छिपा था पाकिस्तान
1999 में, भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर के कारगिल जिले में सशस्त्र संघर्ष किया। कश्मीर के उग्रवादियों ने नियंत्रण रेखा पार करके भारत की जमीन पर कब्जा कर लिया। करने की कोशिश की लगभग 5000 घुसपैठियो ने पाकिस्तानी सेना के इशारे पर कारगिल द्रास सेक्टर में घुसपैठ की ओर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ा
भारतीय सैनिकों ने घुसपैठियो के साथ पाकिस्तानी सैनिकों को सबक सिखाया भारतीय सेवना और वायु सेवा ने पाकिस्तान के कब्जे वाली जगह पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पर वापस जाने को मजबूर किया युद्ध ऊंचाई वाले इलाके पर हुआ और दोनों देशों की सेनऔ को लड़ने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा भारत ने युद्ध में विजय प्राप्त की थी